Monday, October 28, 2024

कहीं मिलेगा प्रेम - तो कहीं स्नेह का अभाव मिलेगा

कहीं मिलेगा प्रेम - तो कहीं स्नेह का अभाव मिलेगा
कहीं मिलेगा अपनापन तो कभी कहीं अलगाव मिलेगा
          
कहीं मिलेगी प्रशंसा और  कहीं आलोचना होगी 
कहीं मिलेगी सद्भावना और कहीं दुर्भाव मिलेगा 

कहीं बेगानापन मिलेगा कहीं मिलेगी आत्मीयता 
किसी के मन में ईर्ष्या होगी किसी के मन में चाव मिलेगा

कोई उठाना चाहेगा और  कोई गिराना चाहेगा 
कोई देगा सांत्वना तो किसी से मन को घाव मिलेगा 

कहीं अकारण कोई तुम्हारे शत्रु भी बन जाएंगे 
कहीं मिलेगी मित्रता और करुणा का बहाव मिलेगा 

कहीं मिलेगी नम्रता और  कहीं मान बल-बुद्धि का 
हर इन्सां का इस दुनिया में अलग अलग स्वभाव मिलेगा 

चलता चल निष्काम भाव से सत के मार्ग पर 'राजन'
जैसा तेरा भाव रहेगा - वैसा ही प्रभाव मिलेगा 
                                 " राजन सचदेव "

13 comments:

  1. 🙏🏻🙇🏻‍♀️

    ReplyDelete
  2. Bahut hee Uttam bhav Wali Rachana.yahee sansar Mian hum dekh Rahe hian.🙏

    ReplyDelete
  3. Very nice Rajanjee 🙏

    ReplyDelete
  4. V v nice mahatma ji
    Deepak

    ReplyDelete
  5. Very beautiful!
    Gaurav

    ReplyDelete
  6. Absolutely right ji
    👍🌹🙏

    ReplyDelete
  7. Wah! Very nice poetry.

    ReplyDelete
  8. Bahut sunder🙏🙏🙏

    ReplyDelete
  9. Very apt and nice poem
    Ashok Chaudhary

    ReplyDelete
  10. बहुत खूब

    ReplyDelete
  11. जैसा तेरा भाव रहेगा, वैसा तेरा पर्भाव रहेगा -- बहुत खूब 🙏🌹🙏❤️🌹🙏🌹

    ReplyDelete

शुभ दीपावली - सत्य की ज्योति - ज्ञान के दीप जलें

सत्य की ज्योति उज्ज्वल हो चहुँ ओर ज्ञान के दीप जलें वैर विरोध तक़रार मिटे - मिल जुल के सारे संग चलें सद्भावना, करुणा का हर हृदय में संचार मि...