कहीं मिलेगा प्रेम - तो कहीं स्नेह का अभाव मिलेगा
कहीं मिलेगा अपनापन तो कभी कहीं अलगाव मिलेगा
कहीं मिलेगी प्रशंसा और कहीं आलोचना होगी
कहीं मिलेगी सद्भावना और कहीं दुर्भाव मिलेगा
कहीं बेगानापन मिलेगा कहीं मिलेगी आत्मीयता
किसी के मन में ईर्ष्या होगी किसी के मन में चाव मिलेगा
कोई उठाना चाहेगा और कोई गिराना चाहेगा
कोई देगा सांत्वना तो किसी से मन को घाव मिलेगा
कहीं अकारण कोई तुम्हारे शत्रु भी बन जाएंगे
कहीं मिलेगी मित्रता और करुणा का बहाव मिलेगा
कहीं मिलेगी नम्रता और कहीं मान बल-बुद्धि का
हर इन्सां का इस दुनिया में अलग अलग स्वभाव मिलेगा
चलता चल निष्काम भाव से सत के मार्ग पर 'राजन'
जैसा तेरा भाव रहेगा - वैसा ही प्रभाव मिलेगा
" राजन सचदेव "
🙏🏻🙇🏻♀️
ReplyDeleteBahut sunder.
ReplyDeleteBahut hee Uttam bhav Wali Rachana.yahee sansar Mian hum dekh Rahe hian.🙏
ReplyDeleteVery nice Rajanjee 🙏
ReplyDeleteV v nice mahatma ji
ReplyDeleteDeepak
Very beautiful!
ReplyDeleteGaurav
Absolutely right ji
ReplyDelete👍🌹🙏
Thanks uncle Ji 🙏
ReplyDeleteWah! Very nice poetry.
ReplyDeleteBahut sunder🙏🙏🙏
ReplyDeleteVery apt and nice poem
ReplyDeleteAshok Chaudhary
बहुत खूब
ReplyDeleteजैसा तेरा भाव रहेगा, वैसा तेरा पर्भाव रहेगा -- बहुत खूब 🙏🌹🙏❤️🌹🙏🌹
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