यह सोचने में समय बर्बाद न करें कि आप क्या कर सकते थे -
या किस काम को कैसे - और किस ढंग से करना चाहिए था।
अब भविष्य पर नज़र रखें
और हमेशा हर काम सोच-समझ कर सही ढंग से करने की कोशिश करें।
इस जहां और उस जहां के दरमियां - फ़ासला यारो है बस इक सांस का ये अगर चलती रहे तो ये जहां ---- और अगर रुक जाए तो फिर वो जहां Is jahaan aur us...
Right sir!
ReplyDeleteVery well said Veer Ji
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