यह सोचने में समय बर्बाद न करें कि आप क्या कर सकते थे -
या किस काम को कैसे - और किस ढंग से करना चाहिए था।
अब भविष्य पर नज़र रखें
और हमेशा हर काम सोच-समझ कर सही ढंग से करने की कोशिश करें।
Itnay betaab - itnay beqaraar kyon hain Log z aroorat say zyaada hoshyaar kyon hain Moonh pay to sabhi dost hain lekin Peeth peechhay d...
Right sir!
ReplyDeleteVery well said Veer Ji
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