Friday, April 28, 2023

परिस्थितियों के प्रति दृष्टिकोण और प्रतिक्रिया

बाहर क्या हो रहा है -- इस से ज़्यादा ज़रुरी है ये जानना कि हमारे अंदर क्या हो रहा है।
जो बाहर हो रहा है - वो इतना महत्वपूर्ण नहीं है।
महत्वपूर्ण बात ये है कि हमारे अन्दर - हमारे मन में क्या चल रहा है।

परिस्थिति और घटनाओं के प्रति हमारा दृष्टिकोण और प्रतिक्रिया हमारी पृष्ठभूमि और अनुभव पर निर्भर करती है।
एक अशांत मन हर परिस्थिति में नकारात्मक तरीके से प्रतिक्रिया करता है।
और एक शांत मन प्रतिकूल परिस्थितियों में भी हमेशा कुछ अच्छा ही खोजने की कोशिश करता है।
इसलिए - जो अंदर हो रहा है वो बाहर की घटनाओं से ज्यादा महत्वपूर्ण है।

और प्रैक्टिस से - अभ्यास से सब कुछ सीखा जा सकता है।
अगर हम शांत रहने का अभ्यास करते रहें तो धीरे धीरे हम हर परिस्थिति को संभालने और अपनी प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित करने में कामयाब हो सकते हैं।
एक शांत मन ही स्वर्ग और सुखी जीवन का आधार है।
                                              ' राजन सचदेव '

2 comments:

Naam letay hain vo mera (They mention my name with.... )

Naam letay hain vo mera kyon dushnaam say   (Disdain) Miltay hain jin say hamesha hum ikraam say    (Respectfully) Beqaraari me na aayi ne...