अजीब है भगवान तेरी दुनिया का दस्तूर
जिसको गले लगाओ वो ही हो जाता है दूर
पारस कै संग परस के कंचन भई तलवार तुलसी तीनों न मिटे - धार मार आकार राम चरित मानस ...
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