Friday, November 1, 2019

ख़िज़ां की रुत में गुलाब लहजा बना के रखना - कमाल ये है

ख़िज़ां की रुत में गुलाब लहजा बना के रखना - कमाल ये है 
हवा का ज़द में दीया जलाना, जला के रखना - कमाल ये है 

ज़रा सी लर्ज़िश पे तोड़ देते हैं सब ताल्लुक़ ज़माने वाले 
सो - ऐसे वैसों से भी ताल्लुक़ बना के रखना - कमाल ये है 

किसी को देना ये मशवरा, कि वो दुःख बिछड़ने का भूल जाए 
और ऐसे लम्हे में अपने आँसू  छुपा के रखना - कमाल ये है 

ख़्याल अपना, मिज़ाज अपना, पसंद अपनी - कमाल क्या है?
जो यार चाहे वो हाल अपना बना के रखना - कमाल ये है 

किसी की राह से ख़ुदा की ख़ातिर उठा के काँटे, हटा के पत्थर 
फिर उस के आगे निगाह अपनी झुका के रखना - कमाल ये है 

वो जिस को देखे, दुख का लश्कर भी लड़खड़ाए, शिकस्त खाए
लबों पे अपनी वो मुस्कुराहट  सजा के रखना - कमाल ये है 

हज़ार ताक़त हो, सौ दलीलें हों , फ़िर भी लहजे में आजिज़ी से 
अदब की लज़्ज़त, दुआ की ख़ुशबू बसा के रखना - कमाल ये है 


7 comments:

  1. 🌹 जो यार चाहे....
    🌹वो हाल अपना....
    🌹बना के रखना....

    कमाल.... ये है..!

    👌👌

    ReplyDelete
  2. 🌹 जो यार चाहे....
    🌹वो हाल अपना....
    🌹बना के रखना....

    कमाल.... ये है..!

    👌👌

    ReplyDelete
  3. Wow ....bahot khub....who is the writer

    ReplyDelete
  4. Wah...Bahot khoob..who is the writer?

    ReplyDelete

ऊँची आवाज़ या मौन? Loud voice vs Silence

झूठे व्यक्ति की ऊँची आवाज सच्चे व्यक्ति को चुप करा सकती है  परन्तु सच्चे व्यक्ति का मौन झूठे लोगों की जड़ें हिला सकता है                     ...