Sunday, May 27, 2018

तालीम हमको दी थी 'शहनशाह ' ने कुछ ऐसी

शहनशाह ने दी थीं हमें जो नसीहतें
भूल गए सारी हम उनकी वसीयतें
जोड़ा था उन्होंने हमें निरंकार से
लग गए हैं पूजने पर हम शख़्सीयतें

"रूप रंग से न्यारे " का था दिया उन्होंने ज्ञान
"मन बुद्धि से बाहरे" का था दिया उन्होंने ज्ञान
जो दिखता है - फ़ानी है - नौ द्वारे माया हैं
सच्च खंड के द्वारे का था दिया उन्होंने ज्ञान

तालीम वो हमेशा ही देते रहे ऐसी
कि मन की अवस्था हो ब्रह्मज्ञानियों जैसी
दया, सत,संतोख हो - और मन में नम्रता
न छल कपट हो जिसमें - रहे भावना वैसी

वो कहते थे न दिल में रखो रंज-ओ-साज़िशें
न हों क़दूरतें - न हों फ़ज़ूल ख़्वाहिशें
तो चैन और सकून से कटेगी ज़िंदगी
जो सादगी फ़ितरत में हो - न हों नुमाईशें

न जाने कब और कैसे बदल गई रिवायतें
शोहरतों को मान बैठे हम इनायतें
हो गए शुरू फिर आपसी मुक़ाबले
भूल गए जो दी थीं उन्होंने हिदायतें

सोचो - क्या रूहानियत शोहरत का नाम है ?
सिर्फ तक़रीरें ही क्या हमारा काम है ?
छूट न सके अगर हसद की क़ैद से
तो मुक्त कैसे होंगे अगर मन ग़ुलाम है ?

बेशक मैं दे रहा हूँ तुम्हें रब्ब की निशानी
पर ये न भूलो कि मेरा जिस्म है फ़ानी
जिस्मों में ही उलझ के न रह जाना 'राजन '
ये बात सुनी मैंने शहनशाह की ज़ुबानी 


                          'राजन सचदेव '


निरंकारी मिशन में बाबा अवतार सिंह जी को प्रेमवश शहनशाह जी के नाम से जाना जाता है।
आजकल बहुत से लोग 'शहंशाह युग' की बातें करने लगे हैं।
जिन्हों ने वह समय नहीं देखा वो अक़्सर पूछते हैं कि वो युग कैसा था - क्या था ?
मैं कोई कवि तो नहीं हूँ - लेकिन वो युग, जैसा मैंने देखा और समझा उसका कुछ वर्णन उपरोक्त नज़्म में लिखने का प्रयास किया है ....


नसीहतें ............    Advice, Lessons
वसीयतें ............    Will, Writings
शख़्सीयतें ..........   Personalities
तालीम .............     Knowledge, Education
मन की अवस्था .... State of mind
रंज ....................... Grief, complaint, animosity
साज़िशें ..............   Conspiracy
क़दूरतें .............      Hatred, Impure thoughts, Animosity
फ़ज़ूल ख़्वाहिशें .......... Useless, unnecessary desires
सादगी .........................Simplicity
फ़ितरत ..................... Nature, Habbit
नुमाईशें .................... To advertise, To Show off
रिवायतें ..................... Traditions
शोहरत ................... Fame
इनायतें .................. Grace, Blessings
हिदायतें ................... Instructions
तक़रीरें .................... Lectures
हसद ...................... Jealousy
क़ैद ............. ............ Prison

4 comments:

  1. Very nice ������
    Bobby

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  2. No words to comment or praise .. totally speechless ... keep blessing

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  3. What a truthful explanation of Sprituality —
    May your guidance be our vision .. �������� Thank you ji ������
    Kumar

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