अपने मन और बुद्धि को उच्च और उदार विचारों से पोषित करें
पूर्व धारणाओं और पूर्वाग्रहों को जाने दें - और नए विचारों का स्वागत करें।
विशाल हृदय और खुले दिमाग से नए सिद्धांतों और दर्शन को समझने का प्रयास करें।
क्योंकि हमारे विचार ही हमें बनाते हैं -
हमारे विश्वास और धारणाएं ही हमारे जीवन का मार्ग तय करते हैं।
जैसा हम सोचते हैं, वैसे ही हो जाते हैं।
हम जो मानते हैं - और जो बनना चाहते हैं - वही बन जाते हैं।
लेकिन हम अपने विचारों से ऊंचे कभी नहीं हो सकते।
अगर हम ऊपर उठना चाहते हैं तो हमें ऊंचा सोचना होगा।
और याद रहे - केवल एक विशाल ह्रदय एवं खुला दिमाग ही नए विचारों का स्वागत कर सकता है - उन्हें स्वीकार कर सकता है।
इसलिए अपनी पुरानी धारणाओं और पूर्व आग्रह को त्याग कर अपनी सोच - अपने क्षितिज - अपने क्षेत्र को व्यापक बनाएं।
" राजन सचदेव "
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
कौन सी रात आख़िरी होगी ? Which Night will be the Last one?
न जाने कौन सी बात आख़िरी होगी न जाने कौन सी रात आख़िरी होगी मिलते जुलते बात करते रहा करो यारो न जाने कौन सी मुलाक़ात आख़िरी होगी ...
-
मध्यकालीन युग के भारत के महान संत कवियों में से एक थे कवि रहीम सैन - जिनकी विचारधारा आज भी उतनी ही प्रभावशाली है जितनी उनके समय में थी। कव...
-
Kaise bataoon main tumhe Mere liye tum kaun ho Kaise bataoon main tumhe Tum dhadkanon ka geet ho Jeevan ka tum sangeet ho Tum zindagi...
-
बाख़ुदा -अब तो मुझे कोई तमन्ना ही नहीं फिर ये क्या बात है कि दिल कहीं लगता ही नहीं सिर्फ चेहरे की उदासी से भर आए आँसू दिल का आलम तो अ...
Atee sunder bechar ji🪷🪷🙏🙏
ReplyDeleteits life changing if we adopt... Thanks for sharing--Jagpreet
ReplyDeleteThank you Jagpreet ji
Delete🌼💐🌺🙏🌿
ReplyDelete