वो साल जो कुछ लोगों के लिए बहुत अच्छा रहा होगा - कुछ के लिए निराशाजनक - और कुछ लोगों के लिए पुराने वर्षों की तरह ही एक और साधारण - औसत वर्ष।
हर पुराना वर्ष हमारे दिलो-दिमाग में कुछ अविस्मरणीय यादें छोड़ जाता है - कुछ मीठी और मधुर यादें - और कुछ कड़वी और दुखपूर्ण यादें।
कुछ लोगों के लिए वर्ष 2021 तन्हाई में डूबा - चिंताओं और निराशाओं से भरा वर्ष रहा होगा - जबकि कुछ अन्य लोगों ने इस एकांत और एकाकी समय को आत्मनिरीक्षण के अवसर के रुप में देखा होगा।
बहुत से लोग अब तक ये महसूस कर चुके हैं कि मानव जाति के रुप में हमारे सामूहिक कार्यों का असर पूरी दुनिया पर पड़ता है - उसका परिणाम सामूहिक रुप में सबको भुगतना पड़ता है। अगर हम प्रकृति के साथ खिलवाड़ करते हैं और इसे छिन्न भिन्न करने की कोशिश करते हैं - तो प्रकृति भी प्रतिक्रिया करती है और हमें भी उसका फल भुगतना पड़ता है।
यह एक महत्वपूर्ण सबक है जो हमेशा याद रखना चाहिए।
लेकिन अभी भी बहुत से लोग ऐसे हैं जो अपनी कोई जिम्मेदारी महसूस नहीं करना चाहते - वे अपनी सोच और कार्यों में कोई दोष नहीं पाते हैं - और हर बुरी घटना - हर बुरे परिणाम के लिए दूसरों को ही दोष देते हैं - खासकर अपने विरोधियों को।
साल आते हैं और चले जाते हैं -
कल तक 2021 था और अब 2022 हो जाएगा।
लेकिन, ये नम्बर तो ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार हैं - जो आमतौर पर पश्चिमी या ईसाई कैलेंडर के रुप में जाना जाता है और सबसे अधिक उपयोग किया जाने वाला अंतर्राष्ट्रीय कैलेंडर है - जिसका उपयोग पूरी दुनिया में होता है।
वैसे तो संसार में हर संस्कृति - हर धर्म और समुदाय का अपना अपना कैलेंडर होता है। भारत, चीन , जापान- पंजाब , गुजरात, महाराष्ट्र, बंगाल और दक्षिण भारत - एवं हिंदू, जैन, ईसाई, मुस्लिम और बौद्ध इत्यादि सभी के अपने अपने कैलेंडर हैं और सबका अपना अपना "नए साल का दिन" होता है।
लेकिन चूँकि एक समय पर, भारत सहित अधिकांश विश्व पर यूरोपीय और ईसाई शासकों का शासन और नियंत्रण था इसलिए शासित देशों और उपनिवेशों को ग्रेगोरियन (पश्चिमी) कैलेंडर का ही उपयोग करना पड़ता था। सुविधा के लिए, भारत और अन्य सभी देशों ने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद भी इसका उपयोग करना जारी रखा।
लेकिन क्या इस दिन का प्रकृति में - आकाश या ब्रह्मांड में कोई महत्व है?
यह दिन भी अन्य दिनों की तरह ही एक साधारण दिन है -
व्यापारियों और मीडिआ ने नए साल के दिन के रुप में इसका प्रसार-प्रचार करके इसका भारी व्यवसायीकरण कर दिया।
सिर्फ कैलेंडर में ही परिवर्तन होता है - बाकी कुछ भी नहीं बदलता।
साल आते हैं और चले जाते हैं।
कौन जानता है कि हम एक और नया साल देखने के लिए जीवित रहेंगे या नहीं।
महत्वपूर्ण बात यह है कि हम हर इक दिन और हर एक पल को किस तरह से जीते हैं - हर कार्य को किस ढंग से करते हैं।
अपने जीवन के हर पल को सुंदर रुप से संजोएं - सँवारे और सजाएं।
आइए - पिछले वर्ष के अनुभवों से मिले सबक को याद रखें और अपने जीवन को - आस पास के वातावरण को और पूरे संसार को बेहतर बनाने का प्रयास करें।
कहते हैं कि ज्ञान और प्रेम ही सच्चा प्रकाश है।
आनंद की ज्योति बनें।
अतीत के पश्चाताप को छोड़ कर भविष्य को सुंदर बनाने का प्रयत्न करें।
सरल, शांतिपूर्ण, व्यावहारिक और सौहर्दय-पूर्ण जीवन जीने का प्रयास करें।
अपने दिल और दिमाग से अज्ञानता के अंधेरे को दूर करने के लिए ज्ञान का दीपक जलाएं -
दूसरों की सेवा करने के लिए मन में करुणा का दीपक जलाएं -
अपने हृदय को कृतज्ञता से भर लें - उस सब के लिए जो ईश्वर ने हमें प्रदान किया है।
सभी की प्रगति - उत्तम स्वास्थ्य और संसार में शांति के लिए प्रार्थना करें।
नववर्ष की शुभकामनाएं।
' राजन सचदेव '