Tuesday, November 6, 2018

My wish for Diwali

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चाहे जिधर भी रुख हो हवा का - दिया जले
जब तक चला न जाए अँधेरा - दिया जले

मिलता रहे जहाँ को उजाला - दिया जले
दिल की ये आरज़ू है हमेशा दिया जले

घर हो किसी अमीर का या हो ग़रीब का
हर घर में आज शाम खुशी का दिया जले

दीपावली की शाम कुछ ऐसी हो रौशनी
मिट जाये हर बुराई का साया - दिया जले

रौशनी हो प्यार की हर एक बज़्म में
शम्मा जले ,चिराग़ जले या दिया जले
                                     "अज्ञात "




Chaahe jidhar bhi rukh ho hawaa ka- diya jalay
 Jab tak chalaa na jaaye andhera - diya jalay

Miltaa rahay jahan ko ujaala - diya jalay
Dil kee ye aarzoo hai hamesha diya jalay

Ghar ho kisi ameer ka, ya ho ghareeb ka
Har ghar me aaj shaam khushi ka diya jalay

Dipaavali kee shaam kuchh aisi ho raushni
Mit jaaye har burayi ka saaya - diya jalay

Raushni ho pyaar  kee har ek  bazm may
Shamma jalay, Chiragh jalay ya diya jalay

                       (Writer: Unknown)


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