Thursday, November 29, 2018

मत हो उदास - ये तेरी क़ुदरत ही नहीं है

डॉक्टर सतीश व्यास हमारे एक परम मित्र एवं डेट्रॉइट मिशिगन के भारतीय समुदाय में अत्यंत लोकप्रिय सज्जन हैं - जो अपने सहज और सरल व्यक्तित्व एवं हंसमुख स्वभाव के कारण हरएक को अपनी ओर आकर्षित कर लेते हैं। हँसते और सब को हंसाते रहने की वजह से हर महफ़िल में विशेषतया हिंदी कवि-सम्मेलनों और उर्दू मुशायरों में हमेशा चंद मिनटों में ही शायरों और श्रोताओं के आकर्षण का केंद्र बिंदु बन जाते हैं। 
वे पिछले एक वर्ष से रोगग्रस्त होने के कारण आजकल कुछ अस्वस्थ हैं। इसलिए भारत से उनके अनुज भ्राता सुधीर व्यास अपनी धर्मपत्नी के साथ पिछले कुछ महीनों से यहाँ आये हुए हैं। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि सतीश जी स्कूल और कॉलेज की हर कक्षा में, और जीवन के हर क्षेत्र में हमेशा प्रथम आते रहे हैं - हमेशा ही एक हंसमुख, Easy -going चिंता-मुक्त व्यक्तित्व के मालिक रहे हैं - और उन्होंने कभी किसी मुश्किल में हिम्मत नहीं हारी। 
उनके मनोबल को उठाने के लिए सुधीर जी की लिखी हुईं ये पंक्तियाँ भाई के प्रति उनके प्रेम और श्रद्धा को दर्शाती हैं :

                            मत हो उदास  - चूँकि ये तेरी क़ुदरत ही नहीं है 
                           न सोच रुक गया है तू ,ये तेरी फितरत ही नहीं है
                           माना कुछ दिनों से सूरज - बादलों में घिर गया है
                          निकलने से रोकें - बादलों में ये हिम्मत ही नहीं है

और फिर भाई की तरफ से ये जवाब भी लिख दिया :


                            ज़िन्दगी की मुश्किलों से जूझना मुझे आता है
                           सब अड़चनों को रौंद के चलना मुझे आता है
                           ऐ ज़िन्दगी - कब तलक तू लेगी मेरा इम्तिहान
                           इम्तिहानों में हमेशाअव्वल रहना मुझे आता है


ये प्रेरणा दायक पंक्तियाँ किसी के लिए भी जीवन में मुश्किलों से जूझने - अड़चनों को रौंद कर आगे बढ़ने के लिए आशा और प्रेरणा का स्तोत्र बन सकती हैं।  
     (राजन सचदेव)
                                      Poetry by: " सुधीर व्यास "
                                       

1 comment:

  1. Praying for Satish Vyas jis quick recovery. Thanks for sharing 🙏

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