Tuesday, November 6, 2018

मैं दीपक हूँ, मेरी दुश्मनी... Mai deepak hoon, Meri dushmni ..

मैं दीपक हूँ 
मेरी दुश्मनी सिर्फ़ अंधेरे से है
हवा तो बेवजह ही मेरे ख़िलाफ़ है!

हवा से कह दो - कि ख़ुद को आज़मा के दिखाए
बहुत दीपक बुझाती है - एक जला के दिखाए !!

Mai deepak hoon 
Meri dushmani sirf andheray say hai
Hawaa to be-vajah hee meray khilaaf hai!

Hawaa say keh do - khud ko aazma kay dikhaye
Bahut deepak bujhaati hai, ek jalaa ke dikhaye !!
                 (Writer - unknown)

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