Tuesday, January 11, 2022

चुप ही रहना - कुछ न कहना

है कोई जग में ऐसा 
जिस में कोई कमी नहीं है ?

हर बशर में होती है
कोई न कोई ख़ामी - कोई कमज़ोरी
किसी में ज़्यादा - किसी में थोड़ी
छोटी सी भूल - या कोई संजीदा
कहीं पे ज़ाहिर - कहीं पोशीदा

जहाँ में ऐसा कौन बशर है  
जिस में कोई कमी नहीं है
जो लगता है पाक पवित्र -
बस उसमें अभी - दिखी नहीं है

कभी कुछ हसरतें -
बातों बातों में हो जाती हैं बयां
या कभी किरदार में कुछ हो जाती हैं अयां
और कुछ रह जाती हैं
दबी दबी सी - ज़हन में ही पिन्हां

सब  की ज़िंदगी में कुछ वाक़यात
हर इक के ज़हन में कुछ तसव्वुरात 
ऐसे होते हैं -
जिस पर किसी न किसी को तो ऐतराज़ होगा
कोई नुक्ताचीं होगा - कोई नाराज़ होगा

कुछ ऐसी बातें - कोई ऐसी हरकत 
जिसे हम समझते हैं वाजिब नहीं है
नाक़िद निगाहों से देखें अगर 
तो दुनिया में कोई भी सादिक़ नहीं है

हक़ीक़त तो ये है कि
जिस से मोहब्बत हो -
उसकी हर कमज़ोरी हो जाती है नज़रअंदाज़
और जो किसी वजह से अच्छा न लगे
उसकी हर बात पे होता है - ऐतराज़

अक्सर हम ये कहते हैं
कि कौन - कहां, कब, क्या करता है -
ये रब जानता है -
क्यों करता है ?
किस इच्छा से - किस लालच से ?
वो सब जानता है
मगर वो जानते हुए भी चुप रहता है

अच्छे बुरे हर इक काम को
नेकी बदी के हर ख़्याल को
छुपी या ज़ाहिर - हर इक बात को
हर बंदे की हर हरक़त को
हर इक रग को -
वो पहचानता है -
किस के दिल में क्या छुपा है -
वो सब जानता है
मगर जान कर भी चुप रहता है
कुछ नहीं कहता

ज़रा सोचें --
कि अगर वो चुप है
तो हम क्यों बोलते हैं ?
क्यों अपने तराज़ू में
सब को तोलते हैं ?

अगर तुम्हें भी रब से प्यार है
अगर उसका रहम-ओ-करम दरकार है
तो जब भी किसी में कोई ख़ामी नज़र आए
तो रब की तरह ही
चुप रहना - कुछ न कहना

सहनशीलता और विशालता
यही तो सब ग्रंथों का सार है
सब का 'राजन ' यही है कहना
चुप ही रहना - कुछ न कहना
कुछ न कहना - चुप ही रहना
                            ' राजन सचदेव '

पोशीदा    =  छुपी हुई  Hidden 
अयां        =  प्रकट, ज़ाहिर,व्यक्त हो जाना  Revealed, Open, Clear, Expressed  
पिन्हां       =  छुपी हुई  Hidden - Concealed  
तसव्वुरात  =  विचार , ख़्याल, तसव्वुर का बहु वचन, Thoughts 
नुक्ताचीं     =  आलोचक -आलोचना और एतराज़ करने वाला Critic, Caviller, hypercritical
वाजिब       =  सही, ठीक, Appropriate 
नाक़िद      =  विश्लेषण ,विश्लेषणात्मक Critical, Analytical, fault finder आलोचना और परखने की दृष्टि से 
सादिक़      = सच्चा, पवित्र, पाक-साफ़ , Pure, Honest, Sincere 
दरकार     = वांछित , अभिलाषित , Desired, Required, Wanted 

12 comments:

  1. Beautiful poem with a worthy meaning 🙏

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  2. V v nice mahatma ji

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  3. Excellent creation.��

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  4. ��������

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  5. Beautiful words ��

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  6. Wonderful and highly motivational poem!
    Real truth! ����

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  7. Bahut Khoob ji!
    ��

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  8. Wonderful ��❤️

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  9. वाह वाह समुंदर को कुज़े में बंद कर दिया ये फ़न हर एक को नहीं अता होता
    अल्लाह और दरवाज़े खोले
    ये ऊपर वाले की तरफ से आमद होती है

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  10. Beautiful beautiful ❤️

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  11. Beautiful Poetry with Beautiful message. Learned few new word as a bonus🙏

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