Sunday, June 20, 2021

पापा - On Father's day

पापा  - पुरानी पेंट रफू करा कर पहनते जाते  हैं 
Branded नई shirt देने पे आँखे दिखाते हैं 
टूटे चश्मे से ही अख़बार पढने का लुत्फ़ उठाते हैं 
Topaz के ब्लेड से दाढ़ी बनाते हैं 
पिताजी आज भी पैसे बचाते हैं  !!

कपड़े का पुराना थैला लिये दूर की मंडी तक जाते 
हैं 
बहुत मोल-भाव करके फल-सब्जी लाते 
हैं 
आटा नही खरीदते, गेहूँ पिसवाते 
हैं 
पिताजी आज भी पैसे बचाते 
हैं  !!

स्टेशन से घर पैदल ही आते 
हैं 
रिक्शा लेने से कतराते हैं 
सेहत का हवाला देते जाते 
हैं 
 बढती महंगाई पे चिंता जताते हैं 
पिताजी आज भी पैसे बचाते हैं  !!

पूरी गर्मी पंखे में बिताते  
हैं  
सर्दियां आने पर रजाई में दुबक जाते हैं  
AC/Heater को सेहत का दुश्मन बताते 
हैं  
लाइट खुली छूटने पे नाराज हो जाते हैं  
पिताजी आज भी पैसे बचाते हैं  !!

माँ के हाथ के खाने में रमते जाते 
हैं  
बाहर खाने में आनाकानी मचाते हैं  
साफ़-सफाई का हवाला देते जाते हैं  
मिर्च, मसाले और तेल से घबराते हैं  
पिताजी आज भी पैसे बचाते हैं  !!

गुजरे कल के किस्से सुनाते 
हैं  
कैसे ये सब जोड़ा गर्व से बताते हैं  
पुराने दिनों की याद दिलाते हैं  
बचत की अहमियत समझाते हैं  
हमारी हर मांग आज भी फ़ौरन पूरी करते जाते हैं  
पिताजी आज भी पैसे बचाते हैं  !!

                    पिताजी हमारे लिए ही पैसे बचाते 
हैं  !!
                                  (लेखक -अज्ञात )

2 comments:

Jab tak saans chalti hai - As long as the breath continues

      Uthaana khud hee padta hai thakaa toota badan 'Fakhri'       Ki jab tak saans chalti hai koi kandhaa nahin detaa              ...