Monday, May 6, 2019

रंगों की इतनी क़दर क्यों है?

चेहरों की इतनी फ़िकर क्यों है ?
रंगों की इतनी क़दर क्यों है ?

हुसन असल किरदार का है
गोरा काले से बेहतर क्यों है ?

हसरत को कैसे समझाऊँ
इतनी छोटी चादर क्यों है ?

नीयत का दोष ही सारा है
तो फ़िर बदनाम नज़र क्यों है ?

सब एक ख़ुदा के बच्चे हैं
तो फ़िर मस्जिद-मंदिर क्यों है ?

वो भी तो बस इक इंसाँ है
उस के सजदे में सर क्यों है ?

सब मिलके साथ नहीं रहते
इतने छोटे अब घर क्यों है ? 

जिनकी जेबें ही ख़ाली हैं
उन को रहज़न से डर क्यों है ?

ये फ़िक़र बहुत है दुनिया को
 'अल्फ़ाज़ ' इतना बे-फ़िक़र क्यों है ?
                   'अल्फ़ाज़ '

रहज़न             राह में लूट लेने  वाला , डाकू , चोर  Robber




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