एक मैं ही समझदार हूँ बाकी सब नादान
इसी भ्रम में घूम रहा है देखो हर इंसान
Ek main hee samajhdaar hoon baaki sub nadaan
Isi Bharam me ghoom rahaa hai dekho har insaan
कल जो शहर में करता था सांप के काटे का इलाज आज उसी के तहखाने से सांपों के ठिकाने निकले " अज्ञात लेखक " ...
Hazoor baba ji aksar फरमाते थे ........मारा गया जिसने कहा मैं बड़ा।
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