एक मैं ही समझदार हूँ बाकी सब नादान
इसी भ्रम में घूम रहा है देखो हर इंसान
Ek main hee samajhdaar hoon baaki sub nadaan
Isi Bharam me ghoom rahaa hai dekho har insaan
अब तो हर एक अदाकार से डर लगता है मुझ को दुश्मन से नहीं यार से डर लगता है मुझ को बालों की सफ़ेदी ने ख़बर-दार किया ज़िंदगी अब तिरी रफ़्तार से ...
Hazoor baba ji aksar फरमाते थे ........मारा गया जिसने कहा मैं बड़ा।
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