Saturday, September 10, 2016

दो प्रकार की अगरबत्ती

अगरबत्ती दो प्रकार की होती है... 

एक भगवान के लिए , एक मच्छरों के लिए...

मगर मुश्किल ये है ... 

कि अगरबत्ती जलाने के बाद भी -

- भगवान आते नहीं , और मच्छर जाते नहीं...


  P.S.                यानी कि ........ 

 सिर्फ  Rituals रुपी अगरबत्ती जलाने से - - -

 ईर्ष्या व  नफरत रुपी मच्छर जाते नहीं  ...... 

 और प्रेम रुपी भगवान आते नहीं

No comments:

Post a Comment

फ़ासला यारो है बस इक सांस का The distance is just a single breath

इस जहां और उस जहां के दरमियां - फ़ासला यारो है बस इक सांस का  ये अगर चलती रहे तो ये जहां ---- और अगर रुक जाए तो फिर वो जहां  Is jahaan aur us...