Saturday, July 9, 2022

अपने विचारों के साथ सामंजस्य बना लें

अक़्सर हमारे अंदर कोई न कोई संघर्ष चलता ही रहता है। 
न केवल दूसरों के प्रति - 
बल्कि अपने विचारों - अपनी श्रद्धा और अपने विश्वासों के प्रति भी।
जिन बातों और धारणाओं को हम सच मानते हैं -  उन के बारे में भी कभी-कभी हमारे मन में  संदेह उठने लगते हैं।

और फिर -  हम स्वयं से लड़ने लगते हैं ।
उन संदेहों या अजीबो-ग़रीब विचारों के लिए स्वयं को दोषी ठहरा कर अपने आप को ही कोसना शुरु कर देते हैं।
इस से मन में  भ्रम, बेचैनी - उद्विग्नता और चिंता पैदा होती है।
हम चिड़चिड़े और क्रोधित हो जाते हैं।
हम सभी के साथ बहस करना और लड़ना शुरु कर देते हैं - 
न केवल औरों के साथ बल्कि अपने साथ भी ।

लेकिन ...
अगर हम अपने विचारों के साथ सामंजस्य बना लें - 
और साथ ही दूसरों की सोच -  औरों के विचारों का भी आदर करें - 
उन की भावनाओं और धारणाओं को स्वीकार करके उनके साथ भी सामंजस्य बनाए रखें - 
तो हमारे अपने मन में शांति बनी रहेगी। 
हम स्वयं को हमेशा शांत और आनन्दित पाएंगे। 
                                             " राजन सचदेव "

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When the mind is clear

When the mind is clear, there are no questions. But ... When the mind is troubled, there are no answers.  When the mind is clear, questions ...