जहाँ रहेगा वहीं रौशनी लुटाएगा
किसी चिराग़ का अपना मकाँ नहीं होता
वसीम बरेलवी
जलता हुआ दीपक किसी एक विशेष स्थान से बंधा हुआ नहीं होता
न ही इसकी रोशनी किसी ख़ास घर के लिए होती है और वहीं तक ही सीमित रहती है।
दीपक का स्वभाव है कि वह जहां भी रहता है वहां प्रकाश ही फैलाता है
और उस स्थान को रोशन कर देता है।
Just Like flowers. they spread fragrance wherever they are.🙏
ReplyDeleteBakhsh lena ji
ReplyDeleteIs trah de gun bhar deo ji!
May I B BLESSED WITH THIS QUALITY OF ENLIGHTENMENT
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