Sunday, July 31, 2022

किसी चिराग़ का अपना मकाँ नहीं होता

  जहाँ रहेगा वहीं रौशनी लुटाएगा 
किसी चिराग़ का अपना मकाँ नहीं होता                         
                                वसीम बरेलवी

 जलता हुआ दीपक किसी एक विशेष स्थान से बंधा हुआ नहीं होता 
न ही इसकी रोशनी किसी ख़ास घर के लिए होती है और वहीं तक ही सीमित रहती है।
दीपक का स्वभाव है कि वह जहां भी रहता है वहां प्रकाश ही फैलाता है 
और उस स्थान को रोशन कर देता है।

3 comments:

  1. Just Like flowers. they spread fragrance wherever they are.🙏

    ReplyDelete
  2. Bakhsh lena ji
    Is trah de gun bhar deo ji!

    ReplyDelete
  3. May I B BLESSED WITH THIS QUALITY OF ENLIGHTENMENT

    ReplyDelete

झूठों का है दबदबा - Jhoothon ka hai dabdabaa

अंधे चश्मदीद गवाह - बहरे सुनें दलील झूठों का है दबदबा - सच्चे होत ज़लील Andhay chashmdeed gavaah - Behray sunen daleel Jhoothon ka hai dabdab...