Sunday, July 31, 2022
A lamp is not bound to a place - Chiraagh ka apnaa makaan nahin hota
किसी चिराग़ का अपना मकाँ नहीं होता
Saturday, July 30, 2022
मधुर संस्मरण - आदरणीय भूपिंदर दिलवर जी मुंबई
Friday, July 29, 2022
बस कंडक्टर सी ज़िंदगी Life like a bus conductor
Thursday, July 28, 2022
नींद रात भर नहीं आती Can't sleep at night - Neend nahin aati
Kuchh logon ko neend to raat bhar nahin aati
Lekin un ka zameer har vaqt soyaa rehtaa hai
Wednesday, July 27, 2022
I am not sad because ये दुःख नहीं Ye dukh nahin یہ دکھ نہیں کہ
Tuesday, July 26, 2022
I kept walking मैं चलता रहा Mein chaltaa rahaa
Bad Attitude बुरा स्वभाव
Monday, July 25, 2022
मित्रों और सहयोगियों का चुनाव
Choosing Friends and associates
Sunday, July 24, 2022
The sun hasn't set yet, the evening is still there -- Abhi sooraj nahin dooba
Though a lot has been fulfilled - one unfulfilled desire still remains.
The charge of being a wanderer in the realms of desires still hangs on my head.
Learned a lot, apprehended a lot, and read a lot of books too
Comprehending the message of Rah-e-Haq - the path of Truth is yet to be accomplished.
Still, the hatred, ill-will, and feelings of animosity have not been removed from the heart.
The status of high-and-low, special-and ordinary people still remains in sight.
Still, The difference between higher and lower (people) has not been erased from the mind.
We have yet to give equal respect and honor to everyone.
Thousands of times - we have heard the talks about 'that world' from priests and preachers.
But listening to the intuition that comes from the Higher-Above still remains.
So many flights have been taken on the earth and in the skies -
But the (own) Terrace, where peace of mind can be achieved, is still to be visited.
Have been running all life long to reach many destinations - O friends.
What is left now - is the destination of the final resting place.
Still, there is energy and resilience (in the body) -
consciousness is still there - and the hands also have the strength.
There is still a cupful left in the flask of life.
Let's accomplish the unfinished work - that is still left to be done.
The sun hasn't set yet - some evening still remains.
Meanings of some Urdu words
Hasrat-e-Naakaam = Unfulfilled desires
अभी सूरज नहीं डूबा अभी कुछ शाम बाकी है
Saturday, July 23, 2022
अभी कुछ शाम बाकी है
Still some Time is Left - Abhi kuchh Shaam Baaki hai
Thursday, July 21, 2022
अगर हमारे हाथ में होता Agar hamaaray haath me hota
Wednesday, July 20, 2022
Though heat is in the sun -Tapish sooraj mein hai तपिश सूरज में है लेकिन
Monday, July 18, 2022
भज गोविन्दम - मोह मुद्गर - श्लोक # 2
Bhaj Govindam - Moh Mudgar Verse 2
A Crack in a Wall - दीवार में दरार
Sunday, July 17, 2022
Whenever you feel sad and lonely जब आप अकेला और उदास महसूस करें
Saturday, July 16, 2022
Absorb what is useful
Friday, July 15, 2022
When you feel you are losing जब लगे कि सब ख़त्म होता जा रहा है
आशिक़ हैं मगर Though in love - Aashiq hain magar
हम दर्द की दौलत का दिखावा नहीं करते
तूने हमें ठुकराया राहे -इश्क़ में सौ बार
पर तुझसे ऐ फ़लक़ हम शिकवा नहीं करते
हैं यार की महफ़िल में जो मख़मूर-ए-मोहब्बत
दिल को कभी मिन्नतकशे -मीना नहीं करते
Thursday, July 14, 2022
न हंस के सीखे हैं न रो के सीखें हैं Neither by laughing - nor by crying
Words, Meanings, and Perceptions
शब्द, अर्थ और धारणाएँ
एक पौराणिक कथा है कि एक बार तीनों समुदायों - अर्थात देवों, दानवों, और मानवों ने अपने अपने प्रतिनिधियों को कुछ मार्गदर्शन लेने के लिए प्रजापति ब्रह्मा के पास भेजा।
जब वे वहाँ पहुँचे, तो प्रजापति कहीं जा रहे थे।
सब उलझन में पड़ गए - किसी को भी इसका मतलब समझ नहीं आया।
जब उनके समुदायों के लोगों ने उनसे पूछा कि ब्रह्मा जी ने उन्हें क्या उपदेश - निर्देश दिए हैं ?
सभी समुदायों के बड़े बुज़ुर्गों और नेताओं ने सोचा कि इस शब्द के पीछे ज़रुर ही कोई अर्थ छिपा हुआ होगा। अन्यथा प्रजापिता ऐसा न कहते।
देवों या देवताओं ने सोचा कि वे हमेशा विलासिता और सुख में लिप्त रहते हैं -
दानवों ने सोचा - हम स्वभाव से ही बहुत क्रूर और दुष्ट हैं।
हम अक़्सर लोगों पर अत्याचार करते हैं - उन्हें तंग करते हैं - पीड़ा देते हैं और उनका धन और सामान इत्यादि लूट लेते हैं।
प्रजापिता ने 'द ' कह कर अवश्य ही हमें दया करने का उपदेश दिया है।
उधर, मानवों ने सोचा कि हम अत्यधिक स्वार्थी हैं -
इस कहानी में विभिन्न पृष्ठभूमि के विद्वानों ने एक ही अक्षर 'द ' से - दमन, दया, और दान - तीन अलग अलग शब्द चुने।
इसी तरह, जब हम गुरुओं, संतों, और बुज़ुर्गों से कुछ सुनते हैं, तो हम अपनी समझ और पृष्ठभूमि के अनुसार अपने अपने मतलब निकाल लेते हैं।
इसलिए, यह तर्क देने के बजाय कि कौन सा अर्थ सही या गलत है -
It’s not about me यह मेरे बारे में नहीं है
Wednesday, July 13, 2022
गुरु पूर्णिमा - गुरु के प्रति समर्पित परंपरा
What is Moksha?
According to Sanatan Hindu/ Vedantic ideology, Moksha is not a physical location in some other Loka (realm), another plane of existence, or ...
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Kaise bataoon main tumhe Mere liye tum kaun ho Kaise bataoon main tumhe Tum dhadkanon ka geet ho Jeevan ka tum sangeet ho Tum zindagi...
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मध्यकालीन युग के भारत के महान संत कवियों में से एक थे कवि रहीम सैन - जिनकी विचारधारा आज भी उतनी ही प्रभावशाली है जितनी उनके समय में थी। कव...
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बाख़ुदा -अब तो मुझे कोई तमन्ना ही नहीं फिर ये क्या बात है कि दिल कहीं लगता ही नहीं सिर्फ चेहरे की उदासी से भर आए आँसू दिल का आलम तो अ...