एक मैं ही समझदार हूँ बाकी सब नादान
इसी वहम में घूम रहा है देखो हर इंसान
Ek main hee samajh-daar hoon baaki sub nadaan
Isi veham me ghoom rahaa hai dekho har insaan
पारस कै संग परस के कंचन भई तलवार तुलसी तीनों न मिटे - धार मार आकार राम चरित मानस ...
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