Sunday, June 18, 2017

कहु नानक सुन रे मना

भय काहू को देत नहीं - नहिं भय मानत आन 
कहु नानक सुन रे मना - ज्ञानी ताहिं बखान 

हरख सोग जाके नहीं  -  वैरी मीत  समान

कहु नानक सुन रे मना - मुक्त ताहिं तै जान 

जहिं माया ममता तजी सब ते भयो उदास 

कहु नानक सुन रे मना तेहिं घट ब्रह्म निवास 

जहिं बिखया सगली तजी - जीओ  पेख बैराग 

कहु नानक सुन रे मना - ते नर माथे भाग

जहिं  प्राणी  हउमै  तजी  कर्ता  राम  पछाण 

कहु नानक मोह मुक्त नर एह मन साची मान  

भय नासन दुरमत हरन कल महिं हरि को नाम

निसदिन जो नानक भजे सकल होहिं तहिं काम 

2 comments:

  1. Pls send this blog meaning

    ReplyDelete
  2. Very deep inspirational description of devotion DHJ Prem

    ReplyDelete

हर काम की तदबीर - Tadbeer - The ways of the world

दुनिया में हर काम की तदबीर बदलती रहती है लगता है  इंसान की  तक़दीर बदलती रहती है  आती जाती रहती हैं 'राजन' ये शान और शोहरतें  शीशा रह...