Friday, September 23, 2016

लब पेआती है दुआ बन के तमन्ना मेरी (My Birthday Prayer)

        लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी 
        ज़िन्दगी शम्मा की सूरत हो ख़ुदाया मेरी   

                       **   ~~  ~~  ** 

कोई उरूज़ दे ना ज़वाल दे, मुझे सिर्फ़ इतना कमाल दे 
मुझे अपनी राह में डाल दे, कि ज़माना मेरी मिसाल दे 

तेरी रहमतों का नज़ूल हो, मुझे मेहनतों का सिला मिले 
मुझे माल-ओ-ज़र की हवस नहीं, मुझे बस तू रिज़क़-ए- हलाल दे 

मेरे ज़हन में तेरी फ़िकर हो, मेरी साँस में तेरा ज़िकर हो 
तेरा ख़ौफ़ मेरी निज़ात हो, सभी ख़ौफ़ दिल से निकाल दे 

तेरी बारगाह में ऐ ख़ुदा, मेरी रोज़-ओ-शब है यही दुआ 
तू रहीम है, तू क़रीम है, मुझे मुश्क़िलों से निकाल दे 

                                                (Unknown)

ज़िन्दगी  हो  मेरी  परवाने  की  सूरत  या'रब 
इल्म की शम्मा से हो मुझको मोहब्बत या'रब

हो  मेरा  काम  ग़रीबों  की हिमायत  करना 
दर्दमंदों से,  ज़ईफ़ों  से  मोहब्बत  करना 

मेरे  अल्लाह !  बुराई  से  बचाना  मुझको 
नेक जो राह हो  उस राह पे चलाना मुझको 
                                      (Unknown)
                                       

कुछ शब्दों के अर्थ :

उरूज़ = तरक़्क़ी 
ज़वाल = पतन 
नुज़ूल = उतरना (नज़ूल  हों = मुझ पर उतरें, मिलें )
सिला = बदला Reward 
ज़र = धन 
हवस = इच्छा,  ख़्वाहिश 
रिज़क़-ए- हलाल  =  मेहनत और ईमानदारी की कमाई 
ज़हन = Mind, thoughts 
निज़ात = Freedom 
बारगाह = दरबार 
इल्म    =  ज्ञान      knowledge 
ज़ईफ़  = कमज़ोर    week 

5 comments:

Outward Rituals cannot destroy Ignorance

"Outward rituals cannot destroy ignorance - because they are not mutually contradictory." "Realized knowledge alone destroys ...