हिमालय पर मक्खियाँ नहीं होतीं
बर्फ के ऊपर मक्खी, मच्छर इत्यादि कभी नहीं बैठते।
यदि मन अभिमान की गर्मी से रहित हो कर शीतल हो जाए तो वहाँ भी विकार रुपी मक्खियाँ नहीं ठहर सकतीं।
ज्ञानी एवं गुरमुख लोगों को अगर ऐसी जगह रहना भी पड़ जाए जहां निंदा रुपी मच्छर कान में झिनझिना रहे हों, तो वे ज्ञान की मच्छरदानी ओढ़ कर सुख - शान्ति की नींद सो जाते हैं।
"राजन सचदेव"
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