न जाने दिल में क्यों सबरो-शुकर अब तक नहीं आया
मुझे ख़ामोश रहने का हुनर अब तक नहीं आया
सुने भी हैं, सुनाये भी हैं - अफ़साने मोहब्बत के
वफ़ा की राह पे चलना मगर अब तक नहीं आया
उमर गुज़री यहाँ रहते मगर फिर भी न जाने क्यों
ख़ुदाया - रास मुझको ये शहर अब तक नहीं आया
जहां नफ़रत न हो कोई मोहब्बत ही मोहब्बत हो
निगाहों को नज़ारा ये नज़र अब तक नहीं आया
शमा जलती रही शब भर सजाए ख़्वाब आँखों में
मगर कोई भी परवाना इधर अब तक नहीं आया
ज़रा सी बात से वो दिल सभी का मोह लेते हैं
मेरी बातों में 'राजन' वो असर अब तक नहीं आया
" राजन सचदेव "
I am one of guilty party to this statement of truth🌹♥️
ReplyDeleteBahuttt Khooob
ReplyDeleteWaah waaah
🙏
ReplyDeleteVery nice sir
ReplyDelete👍🎖️
ReplyDeleteWah ji wah 🙏❤️ Beautiful ! Really touched my heart.
ReplyDeleteBeautiful 👌👏👏👏👏👏👏🙏
ReplyDeleteTruth in simple language.
ReplyDeleteAwesome Rajanjee !!
ReplyDeleteAwesome collection of words and thoughts
ReplyDeleteWah wah bahut khub 🙏🙏🙏
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