Wednesday, December 24, 2025

ख़ामोश रहने का हुनर अब तक नहीं आया

न जाने दिल में क्यों सबरो-शुकर अब तक नहीं आया 
मुझे  ख़ामोश रहने  का  हुनर अब  तक नहीं आया 

सुने भी हैं, सुनाये भी हैं - अफ़साने मोहब्बत के 
वफ़ा की राह पे चलना मगर अब तक नहीं आया 

उमर गुज़री यहाँ रहते मगर फिर भी न जाने  क्यों 
ख़ुदाया - रास मुझको ये शहर अब तक नहीं आया 

जहां नफ़रत न हो कोई मोहब्बत ही मोहब्बत हो 
निगाहों को नज़ारा ये नज़र अब तक नहीं आया 

शमा जलती रही शब भर सजाए ख़्वाब आँखों में 
मगर कोई भी परवाना इधर अब तक नहीं आया

ज़रा सी बात से वो दिल सभी का मोह लेते हैं
मेरी बातों में 'राजन' वो असर अब तक नहीं आया 
                  " राजन सचदेव "

7 comments:

  1. I am one of guilty party to this statement of truth🌹♥️

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  2. Bahuttt Khooob
    Waah waaah

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  3. Wah ji wah 🙏❤️ Beautiful ! Really touched my heart.

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  4. Beautiful 👌👏👏👏👏👏👏🙏

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Khamosh rehnay ka hunar - Art of being Silent

Na jaanay dil mein kyon sabar-o-shukar ab tak nahin aaya Mujhay khamosh rehnay ka hunar ab tak nahin aaya Sunay bhee hain, sunaaye bhee hain...