Thursday, May 18, 2023

चिड़ियाघर

एक आदमी ने एक चिड़ियाघर खोला - 
प्रवेश शुल्क रखा - 100 डॉलर 
लेकिन कोई नहीं आया।
अगले दिन उसने घटाकर 50 डॉलर कर दिया - 
लेकिन फिर भी लोग नहीं आए।
फिर उस ने 10 डॉलर कर दिया।
लेकिन फिर भी कोई नहीं आया।
फिर अगले दिन उसने Free Entrance  (प्रवेश - मुफ़्त) का बोर्ड लगा दिया 
और देखते ही देखते चिड़ियाघर लोगों से भर गया।

फिर उसने चुपचाप गेट बंद कर दिया - 
शेरों को आज़ाद कर दिया  -  
और बाहर निकलने के लिए 100 डॉलर के निकास शुल्क की घोषणा कर दी।
सभी ने तुरंत सौ सौ डॉलर दे दिए!

जीवन में हमेशा मुफ्त ऑफ़र से सावधान रहें।
वे ख़तरनाक़ जाल भी हो सकते हैं।
संसार में कुछ भी मुफ़्त नहीं मिलता। 
अगर कोई मुफ्त में कुछ दे रहा है तो उसके पीछे ज़रुर कोई परसनल एजेंडा होगा - 
अवश्य ही कोई छिपा हुआ उद्देश्य होगा। 
अन्यथा कोई भी मुफ्त में सामान नहीं बांटता। 

4 comments:

न समझे थे न समझेंगे Na samjhay thay Na samjhengay (Neither understood - Never will)

न समझे थे कभी जो - और कभी न समझेंगे  उनको बार बार समझाने से क्या फ़ायदा  समंदर तो खारा है - और खारा ही रहेगा  उसमें शक्कर मिलाने से क्या फ़ायद...