Thursday, November 4, 2021

शुभ दीपावली

        दीपावली - दीपोत्सव अथवा प्रकाशोत्सव
अर्थात प्रज्वलित - प्रकाशित दीपों का त्यौहार 

दीपक प्रकाश का प्रतीक है - प्रकाश अर्थात ज्ञान 
शास्त्र कहते हैं - 
                ज्ञान विहीनः पशु समान
अर्थात ज्ञान के बिना इंसान पशु समान है 
क्योंकि इंसान और जानवर में केवल ज्ञान का ही फ़र्क़ है 

इसलिए वेद कहते हैं :
                           तमसो मा ज्योतिर्गमय  
अन्धकार से प्रकाश की ओर चलें - अर्थात अज्ञानता से ज्ञान की ओर बढ़ें

महात्मा बुद्ध कहते थे :
                                 आत्म दीपो भव।
अपना दीपक स्वयं बनो।
किसी की रोशनी में कब तक और कहाँ तक चल पाओगे?
इसलिए अपना प्रकाश स्वयं बनो और अपने हृदय में ज्ञान का दीपक जलाओ 
अर्थात व्यक्ति को अपने जीवन का उद्देश्य और नैतिकता -अनैतिकता का  निर्णय स्वयं लेना चाहिए  - किसी दूसरे के कहने से या सिर्फ किसी को प्रसन्न करने के लिए नहीं - किसी और के सहारे से नहीं - किसी और को बैसाखी बना कर नहीं  बल्कि अपना प्रकाश स्वयं बनो।
क्योंकि --
                दीपेन लोकाञ्जयति दीपस्तेजोमयः स्मृतः
                चतुर्वर्गप्रदो दीपस्तस्माद् दीपैर्यजेत् श्रिये
अर्थात :
ज्ञान के तेजोमय दीपक द्वारा समस्त लोक आलोकित कर के - प्रकाशमान करके जीते जा सकते हैं। 
ज्ञान रुपी दीपक से ही चतुर्वर्ग - अर्थात् धर्म, अर्थ, काम एवं  मोक्ष  की प्राप्ति हो सकती है
इसलिए ज्ञान रुपी दीपक का प्रयोग हमेशा करते रहना चाहिए।
क्योंकि ज्ञान से ही सुख-सम्पत्ति एवं श्रेय - सत्य की प्राप्ति होती है

            दीपं ज्योति परम ज्योति दीपं ज्योति जनार्दन:
            दीपो हरतु मे पापं, दीप ज्योति नमोस्तुते!
            शुभम् करोति कल्याणं, आरोग्यं धन संपदाम्।
            शत्रु बुद्धि विनाशाय, दीपम् ज्योति नमोस्तुते।।

अर्थात :
दीप - यानी ज्ञान की ज्योति ही परम ज्योति और जनार्दन है 
ज्ञान के दीपक से ही पाप के अँधेरे का नाश होता है 
ज्ञान से ही शुभ फल, आरोग्य शरीर और धन सम्पदा एवं कल्याण की प्राप्ति होती है 
और मन से शत्रुता का भाव समाप्त हो जाता है। 

             दीपावलीयं प्रददातु नित्यम्आयुष्यमारोग्यधनानि विद्याः ।
            सन्मित्रतां योग्यवतां च संगंभक्तिं च वृद्धेषु च दैवभाषाम् ।।

दीपावली के इस शुभ अवसर पर प्रार्थना है कि यह दीवाली सब को दीर्घ आयु - आरोग्य शरीर एवं धन सम्पदा और विद्या प्रदान करे 
सभी मित्रता, योग्यता, देव भाषा अर्थात मधुर वाणी एवं भक्तिभाव से सुसज्जित हों 

            दीपावली दीपितसर्वलोका देदीप्यमाना ह्रदये जनानाम्।
            स्नेहं परेषां हितसाधनं च संवर्धयन्ती शुभमातनोतु।।

यह दीपावली सर्व संसार - हर प्राणी मात्र के लिए दीप्तिमान हो 
सबके हृदय में प्रेम, परहित एवं कल्याण की भावनाओं का संचार हो 

दीपमालिका पर्व, दीपोत्सव, प्रकाशोत्सव, मानवता-पर्व - शुभ दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ।
                   शुभ दीपावली 
                                           ' राजन सचदेव '

2 comments:

Itnay Betaab kyon hain - Why so much restlessness?

 Itnay betaab - itnay beqaraar kyon hain  Log z aroorat say zyaada hoshyaar  kyon hain  Moonh pay to sabhi dost hain lekin Peeth peechhay d...