Kisi ko Makhmal par bhi neend nahin Aati
Pathar par bhi koi chain se sota hai
(Rajan Sachdeva)
Pathar par bhi koi chain se sota hai
(Rajan Sachdeva)
किसी को मख़मल पर भी नींद नहीं आती
पत्थर पर भी कोई, चैन से सोता है
(राजन सचदेव)
पत्थर पर भी कोई, चैन से सोता है
(राजन सचदेव)
वाह
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