Saturday, January 27, 2024

गीत जब मर जाएंगे

गीत जब मर जाएंगे फिर क्या यहां रह जाएगा
एक सिसकता आंसुओं का कारवां रह जाएगा 
प्यार की धरती अगर बंदूक से बांटी गई
एक मुर्दा  शहर अपने दरमियां रह जाएगा 

        (पद्मभूषण गोपालदास सक्सेना "नीरज")

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कामना रुपी अतृप्त अग्नि

                  आवृतं ज्ञानमेतेन ज्ञानिनो नित्यवैरिणा |                   कामरुपेण कौन्तेय दुष्पूरेणानलेन च ||                            ...