Rajan Sachdeva's Diary
Saturday, January 27, 2024
गीत जब मर जाएंगे
गीत जब मर जाएंगे फिर क्या यहां रह जाएगा
एक सिसकता आंसुओं का कारवां रह जाएगा
प्यार की धरती अगर बंदूक से बांटी गई
एक मुर्दा शहर अपने दरमियां रह जाएगा
(
पद्मभूषण गोपालदास सक्सेना "नीरज")
2 comments:
pradeep
January 27, 2024 at 11:16 AM
🙏👌👌
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Ravi
January 27, 2024 at 1:17 PM
🙏🙏
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जो भजे हरि को सदा सोई परम पद पाएगा Jo Bhajay Hari ko Sada Soyi Param Pad Payega
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🙏👌👌
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