Friday, January 19, 2024

ब-नाम-ए-मज़्हब-ओ-मिल्लत ये ख़ूँ बहाना क्या

ब-नाम-ए-मज़्हब-ओ-मिल्लत ये ख़ूँ बहाना क्या

हरी हरी वो करें तू ख़ुदा ख़ुदा किया कर

                                " मजीद अख़्तर "


क्यों मजहब और समुदाय के नाम पर दूसरों पर अत्याचार करते हो - क्यों उनका खून  बहाते हो?

उन्हें हरि हरी कहने दो -  ईश्वर के गुण गाने दो 


और तुम ख़ुदा ख़ुदा कहते रहो - अल्लाह का शुक्र करते रहो।  

अपनी मान्यताओं पर विश्वास रखने में कोई हर्ज़ नहीं है 

लेकिन इसके साथ साथ दूसरों की श्रद्धा एवं मान्यताओं का भी आदर- सम्मान करना चाहिए।

हमें औरों की निंदा करने या किसी को अपने धर्म को मानने और उसका पालन करने से ज़बरन

अथवा बलपूर्वक रोकने का कोई अधिकार नहीं है।

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Jo Bhajay Hari ko Sada जो भजे हरि को सदा सोई परम पद पाएगा

जो भजे हरि को सदा सोई परम पद पाएगा  Jo Bhajay Hari ko Sada Soyi Param Pad Payega