Friday, January 26, 2024

प्रेम और निष्पक्ष भाव से सब को समझने का यत्न करें

यदि हम हमेशा अपने दृष्टिकोण से ही लोगों का निरीक्षण और परीक्षण करते रहेंगे - 
अगर हर व्यक्ति को अपने ही नज़रिये से परखेंगे - 
तो ऐसा लगेगा कि शायद कोई भी अपना नहीं है। 

लेकिन अगर हम प्रेम और निष्पक्ष भाव से दूसरों के विचारों और कार्यों को समझने का यत्न करें - 
तो फिर सभी अपने ही हैं।
                       " राजन सचदेव "

5 comments:

  1. जितना अपनेपन का भाव होगा, उतनी ख़ुशी भी होगी।

    ReplyDelete
  2. कृपा करे ईश्वर सब अपने ही लगे, अपने ही नजर आयें 🙏🙏

    ReplyDelete
  3. Bahut hee Uttam bhav ji.🙏
    Jai

    ReplyDelete

What is Moksha?

According to Sanatan Hindu/ Vedantic ideology, Moksha is not a physical location in some other Loka (realm), another plane of existence, or ...