तो पहले सूरज की तरह जलना सीखो ।
क्योंकि चाहे सूरज हो या दीपक
वह स्वयं जल कर ही दूसरों को रौशनी प्रदान करता है
क्योंकि चाहे सूरज हो या दीपक
वह स्वयं जल कर ही दूसरों को रौशनी प्रदान करता है
न जाने कौन सी बात आख़िरी होगी न जाने कौन सी रात आख़िरी होगी मिलते जुलते बात करते रहा करो यारो न जाने कौन सी मुलाक़ात आख़िरी होगी ...
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