Sunday, March 27, 2022

नमक और काली मिर्च की शीशियाँ

कुछ दोस्त एक स्थानीय कैफे में लंच के लिए गए।
ऑर्डर देने के बाद, उन्होंने देखा कि उनके टेबल पर रखे नमक के शेकर (शीशी ) में काली मिर्च थी 
और काली मिर्च के शेकर में नमक भरा हुआ था।

उन्हों ने सोचा कि जब तक खाने का इंतज़ार कर रहे हैं , तो क्यों न उन शीशियों को प्लेटों में खाली करके दुबारा सही शेकर (शीशियों) में भर दिया जाए?
उन्होंने वेटर को बुलाया और उससे दो खाली प्लेट, नैपकिन और एक चम्मच लाने को कहा।

वेटर ने आश्चर्य से उनकी तरफ देखा।
उसे असमंजस में देख कर एक मित्र ने कहा कि देखो - 
यहां जिस शेकर पर काली मिर्च लिखा है उसमें नमक है और नमक के शेकर में काली मिर्च है। ....."
लेकिन इससे पहले कि वह अपनी बात खत्म कर पाते, वेटर ने बीच में ही टोक कर कहा -- ओह - सॉरी - माफ़ कीजिये।

वह मेज पर झुका - दोनों शीशियों के ढक्कन खोले और बदल दिए ।

अचानक वहां सन्नाटा छ गया । 
सारे दोस्त एक दूसरे की तरफ हैरानी से देखने लगे।

अक़्सर हमारे जीवन की अधिकांश समस्याओं के लिए भी सरल उपाय होते हैं
लेकिन हमारी सोच कभी-कभी सरल समाधानों को बहुत जटिल बना देती है।

2 comments:

झूठों का है दबदबा - Jhoothon ka hai dabdabaa

अंधे चश्मदीद गवाह - बहरे सुनें दलील झूठों का है दबदबा - सच्चे होत ज़लील Andhay chashmdeed gavaah - Behray sunen daleel Jhoothon ka hai dabdab...