Tuesday, July 27, 2021

हनुमंत को गिरिधर कहै न कोय

           छोटी बात बड़न की  - बड़ी बड़ाई होय 
        ज्यों रहीम हनुमंत को गिरिधर कहै न कोय

इस दोहे का एक दूसरा रुप भी प्रचलित है :

              बड़ी बात छोटन करै तौ  न बड़ाई होय
           ज्यों रहीम हनुमंत को गिरिधर कहै न कोय
                                                               रहीम  

अर्थात: एक बड़ा आदमी कोई छोटा सा काम भी कर दे तो उसकी बहुत बड़ाई एवं प्रशंसा होती है 
लेकिन एक छोटा अथवा साधारण आदमी अगर कोई बहुत अच्छी बात कह दे या कोई बहुत बड़ा काम भी कर दे तो लोग उसकी प्रशंसा करने और उसे सम्मान देने में संकोच करते हैं।
जैसे - 
जब लक्ष्मण मूर्च्छित थे तो उन्हें बचाने के लिए हनुमान इतना बड़ा पहाड़ उठा कर ले आए लेकिन फिर भी उन्हें कोई गिरिधर नहीं कहता।
जबकि भगवान कृष्ण को दुनिया भर में गिरिधर और गिरिधारी के नाम से जाना और पूजा जाता है।

इस छोटे से दोहे में अब्दुल रहीम ने संसार की इतनी गहरी, लेकिन कड़वी सच्चाई को कितनी सुंदरता और सहजता से कह दिया है कि कोई साधारण व्यक्ति चाहे कितनी अच्छी बात कह दे या कितना ही बड़ा काम क्यों न कर दे - उसका कोई ज़िकर नहीं करता, न ही उसे कोई सम्मान देता है। हनुमान को गिरिधर होने का सम्मान नहीं मिला क्योंकि वह एक सेवक थे।  
लेकिन एक बड़े एवं प्रतिष्ठित व्यक्ति की छोटी सी बात अथवा छोटे से काम को भी बहुत बड़ा माना जाता है और जगह जगह पर प्रेम और श्रद्धा के साथ उसकी चर्चा होने लगती है। लोग 'बात या काम ' पर ध्यान देने की जगह सिर्फ़ यह देखते हैं कि ये बात किस ने कही, या वो काम किसने किया।

अक़्सर देखने में आता है कि कोई साधारण व्यक्ति अगर कोईअच्छी बात कहे तो कोई उसकी तरफ ध्यान नहीं देता - लेकिन फिर जब ये बताया जाए - जब ये पता चले कि वह बात किसी उच्च पदवी पर आसीन या किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति द्वारा कही गई है तो हम फ़ौरन नत-मस्तक हो जाते हैं और वाह वाह करने लग जाते हैं - और वही बात अगर किसी साधारण व्यक्ति के मुख से निकली हो तो हम उसकी आलोचना करने से भी नहीं चूकते।

बात चाहे वही हो लेकिन कहने वाला बदल जाए तो सुनने वालों की प्रतिक्रिया भी बदल जाती है।
सही या ग़लत - लेकिन यही है इस संसार का नियम और चलन।
कड़वा एवं दुःखद - परन्तु सत्य !
                                         

8 comments:

  1. वाह...may that's why it is said -
    ये ना देखा करो कौन है? क्या है हसब नसब
    क्या कह रहा है, गौर से सुना करो

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    1. Yes Amit ji
      We should pay attention to the message and if it is good then accept it - regardless of who said it.
      Thanks

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  2. Raheem is known for putting deep thoughts in very simlistic,and penetrating truth. I salute you Rajan ji, for pulling these things from your treasurer and letting us taste the Sanskriti, in small digetible doses.

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  3. Bilkul sahi ji ����

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  4. BILKUL SCH BYAN KIYA H JI IS DOHE MEIN

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  5. Dhan Nirankar.
    When Krishna picked up the mountain it was to save the whole village from the wrath of egoistic Indra. This was also to make people aware of the greatness of mountain. Who provides you protection and various plant life including medicinal etc. In Krishna avatar Bhagwan showed his godly qualities and strength right from birth. Like opening the prison doors putting all the guards to sleep and parting way through a flooded Jamuna river etc etc
    As Sri Rama, he never showed such powers except The liberation of Ahilya. Ramaji was crying when Laxman fell unconscious. It was Hanumanji who brought Ravana‘s physician while he was still sleeping on his bed and ultimately the Sanjeevani he was asked. As he couldn’t figure out which plant, he picked up the whole mountain.
    Sri Ramji said “ कपीसे उरीन हम नाहीं।”
    That Bhagwan himself could never be able to pay back this debt!
    Even though both Ram and Krishna were Vishnu Avatar. Hanuman was also Shivansh.
    However it was his devotion and service to his God Ramji that has earned him a special place in our heart’s
    When Garud was called to free Ramji who was Narayan himself and Laxmanji who was Vasuki avatar the snake that holds the earth on his head
    After Meghnath Ratana’s son used Nagpash or the ropes of snakes to tie them and render them unconscious, he was totally incapable of understanding how Sri Narayan could use his help.
    This was नरलीला. God’s way of showing how as a human being we all need help.
    Dhan Nirankar.
    Please forgive me if I have gotten carried away with my perception. 🙏🙏🙏

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