Thursday, June 17, 2021

सब जग जलता देखया Sab jag jaltaa dekheyaa

ऐसा कोई न मिलया जा सों रहिए लाग 
सब जग जलता देखया अपनी अपनी आग
                           ~ संत कबीर जी ~

Aesa koi na mileyaa jaason rahiye laag
Sab jag jaltaa dekheyaa apni apni aag
                            ~ Sant Kabeer ji ~
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Never encountered anyone who is completely at peace
Everyone in the world seems to be raging, simmering in their own fire

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