Tuesday, June 29, 2021

यदि स्वतंत्र रहना चाहते हो

कौआ हमेशा अपनी भाषा बोलता है इसलिये आज़ाद रहता है
किंतु तोता दूसरों की भाषा बोलता है, इसलिए गुलाम बन जाता है
और जीवन भर एक पिंजरे में क़ैद रहता है।

अपनी भाषा, संस्कृति एवं विचारधारा का त्याग करके कोई भी स्वतंत्र नहीं रह सकता।
यदि स्वतंत्र रहना चाहते हो तो अपनी भाषा एवं संस्कृति का त्याग न करें।

अपने विचार, अपनी विरासत और स्वयं पर विश्वास रखें 
अपने वंश - अपने इतिहास और अपनी सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के लिए कभी भी शर्मिंदा न हों।

नोट :
भाषा का अर्थ सिर्फ मातृभाषा ही नहीं - बल्कि सिद्धांत और विचारधारा भी है।

3 comments:

झूठों का है दबदबा - Jhoothon ka hai dabdabaa

अंधे चश्मदीद गवाह - बहरे सुनें दलील झूठों का है दबदबा - सच्चे होत ज़लील Andhay chashmdeed gavaah - Behray sunen daleel Jhoothon ka hai dabdab...