Wednesday, June 30, 2021

कौन दूर है - पास कौन है

विभिन्न आयोजनों के दौरान - हम अक्सर ऐसी announcements - ऐसी घोषणाएं सुनते हैं कि  -
"अब  दूर देश के वासी - दूर देश से आए  हुए "

मुझे हमेशा इस बात पर आश्चर्य होता रहा है कि क्या अलग देशों के लोगों के बीच की दूरी को देखना ज़रुरी है ?
जिस तरह किसी व्यक्ति का नाम केवल उस की पहचान के लिए होता है - उसी तरह जिस देश से वे संबंधित हैं उस देश का नाम भी सिर्फ एक अतिरिक्त जानकारी है। उनके देश का नाम लेने की बजाए उन्हें दूर के देश के वासी कहने से एक अलगाव की सी भावना का एहसास होने लगता है। 
आज सुबह, इस बात को सोचते सोचते ज़हन में कुछ पंक्तियाँ  - एक ग़ज़ल के रुप में उभरीं 
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कौन दूर है - पास कौन है
कौन आम है - ख़ास कौन है

कौन है अपना कौन पराया
कौन देस - प्रवास कौन है  

कौन अमीर, ग़रीब कौन है 
कौन है मालिक, दास कौन है

कौन है बेटी  -कौन है अम्मा
कौन बहू और सास कौन है

ये है मेरा - वो है तेरा
जिसको है एहसास, कौन है

दुःख में, मुश्किल की घड़ियों में
रखते जिस पे आस, कौन है 

जो भी होगा अच्छा होगा 
जिसको है विश्वास ,कौन है 

हर सूरत, हर हाल के अंदर 
रहता जो बिंदास, कौन है 

जग के अंदर रह के 'राजन '
जग से रहे उदास ,कौन है 
           ' राजन सचदेव '

देस - अपना देश  Own country
प्रवास - दूर का देश Foreign, Abroad
बिंदास - चिंता-रहित, निर्भय, बेपरवाह,  Cool
उदास - उदासीन, न्यारा, अलग-थलग, बेलाग, बेलगाव

16 comments:

  1. Thank you ji for your thoughts 🙏.

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  2. बहोत खूब राजन जी!

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  3. Right way to complete the differences
    Thanks Uncle Ji

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  4. Wah ji wah ��

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  5. Very apt thoughts and poem. This reminds me of many years back when I asked someone where he lives in Delhi... when he told far east.. I said " wo to bahut door hai". ..after that he asked me same question and on listening he said " Mera khyaal hai aap kaafi door rehte hai"
    It's all relative who is near and who is far

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  6. Wah kya baat hai bahut gahri baat hai

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  7. बात हैं श्रध्दा और एहसास की
    क्या है पत्थर, भगवान कौन हैं।
    धन निरंकार ।

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