Monday, October 5, 2020

The grave-yards are full of people कुछ लोग समझते थे कि उनके बिना

Some people thought the world will cease to exist without them.

And there were some others - that we thought our world will cease to exist without them.

And The grave-yards are full of those kinds of people - while the world still exists.

 No one is indispensable. 

Nature fills the gap and replaces everything and everyone with the passage of time.

                Koi chaahay ya na chaahay - koi maanay ya na maanay

                Chaltaa rahegaa yoon hee is duniya ka silsilaa

                                              'Rajan Sachdeva '

कुछ लोग ये समझते थे कि उनके बिना दुनिया नहीं चलेगी - इस का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा।

और कुछ ऐसे लोग भी थे - जिनके लिए हम सोचते थे कि उनके बिना हमारी दुनिया नहीं चल पाएगी - खत्म हो जाएगी - अस्तित्व में नहीं रहेगी।

लेकिन श्मशान घाट और कब्रिस्तान उन दोनों प्रकार के लोगों से  - उनकी राख से भरे पड़े हैं - जबकि दुनिया अभी भी मौजूद है।

कोई भी इंसान अपरिहार्य नहीं है - जिसे बदला न जा सके। 

प्रकृति हर अंतराल को भर देती है और समय बीतने के साथ हर चीज का नवीकरण कर देती है। 

किसी प्रतिभावान व्यक्ति के जाने से जो कमी - जो शून्य पैदा होता है उसे भरने के लिए अन्य नए गुणवान एवं प्रतिभासंपन्न व्यक्ति पैदा कर देती है।  

                 कोई चाहे या न चाहे - कोई माने या न माने 

                चलता रहेगा यूँ ही इस दुनिया का सिलसिला 

                                ' राजन सचदेव ' 

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