Some people thought the world will cease to exist without them.
And there were some others - that we thought our world will cease to exist without them.
And The grave-yards are full of those kinds of people - while the world still exists.
No one is indispensable.
Nature fills the gap and replaces everything and everyone with the passage of time.
Koi chaahay ya na chaahay - koi maanay ya na maanay
Chaltaa rahegaa yoon hee is duniya ka silsilaa
'Rajan Sachdeva '
कुछ लोग ये समझते थे कि उनके बिना दुनिया नहीं चलेगी - इस का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा।
और कुछ ऐसे लोग भी थे - जिनके लिए हम सोचते थे कि उनके बिना हमारी दुनिया नहीं चल पाएगी - खत्म हो जाएगी - अस्तित्व में नहीं रहेगी।
लेकिन श्मशान घाट और कब्रिस्तान उन दोनों प्रकार के लोगों से - उनकी राख से भरे पड़े हैं - जबकि दुनिया अभी भी मौजूद है।
कोई भी इंसान अपरिहार्य नहीं है - जिसे बदला न जा सके।
प्रकृति हर अंतराल को भर देती है और समय बीतने के साथ हर चीज का नवीकरण कर देती है।
किसी प्रतिभावान व्यक्ति के जाने से जो कमी - जो शून्य पैदा होता है उसे भरने के लिए अन्य नए गुणवान एवं प्रतिभासंपन्न व्यक्ति पैदा कर देती है।
कोई चाहे या न चाहे - कोई माने या न माने
चलता रहेगा यूँ ही इस दुनिया का सिलसिला
' राजन सचदेव '
Truth of life!
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