Wednesday, July 15, 2020

सीख ले दरख़्तों से हुनर Seekh lay darakhton say hunar

सीख ले दरख़्तों से हुनर रिश्तों का ऐ इंसान 
जड़ों में ज़ख्म होते हैं - टहनियां सूख जाती हैं 

Seekh lay darakhton say hunar rishton ka ae insaan
Jadon me zakhm hotay hain - tehniyaan sookh jaati hain 

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न समझे थे न समझेंगे Na samjhay thay Na samjhengay (Neither understood - Never will)

न समझे थे कभी जो - और कभी न समझेंगे  उनको बार बार समझाने से क्या फ़ायदा  समंदर तो खारा है - और खारा ही रहेगा  उसमें शक्कर मिलाने से क्या फ़ायद...