Saturday, April 27, 2024

मधुर यादें - बाबा गुरबचन सिंह जी

जीवन में कोई घटना साधारण नहीं होती
मुलाकात किसी से भी अकारण नहीं होती
छोड़ गए वो मन पे मेरे  ऐसी गहरी छाप 
पूरी उनकी कमी कभी 'राजन ' नहीं होती
                           " राजन सचदेव "








































बाबा गुरबचन सिंह जी एवं राजमाता जी 
मेरी संगीत अकादमी में - फ़िरोज़पुर (पंजाब) 1968 


















बाबा गुरबचन सिंह जी एवं राजमाता जी 
जब मेरे निवास स्थान गाँधी नगर जम्मू में दो दिन और दो रात ठहरे - 1976 

1 comment:

Na vo vaqt raha na main (Neither that time nor I...)

           Na vo shauq rahay - Na vo zid rahi             Na vo vaqt raha - Na vo main raha                            ~~~~~~~~~~~~~ Neither...