Friday, September 29, 2023

दिल होते जो बे-नक़ाब

समंदर होते अगर शराब - तो सोचो कितने फसाद होते 
हकीक़त हो जाते सब ख़्वाब तो सोचो कितने फसाद होते 

किसी के दिल में क्या छुपा है -  ये खुदा ही जानता है 
दिल होते जो बे-नक़ाब  तो सोचो कितने फसाद होते 

थी ख़ामोशी अपनी फितरत  तभी तो बरसों निभ गई 
अगर हम भी देते जवाब तो सोचो कितने फसाद होते

हम अच्छे थे - मगर लोगों की नज़रों मे बुरे रहे
होते हम सच में खराब तो सोचो कितने फसाद होते 
                        (लेखक नामालूम - अज्ञात )

10 comments:

  1. Bahut khoob kaha hai. ❤️❤️

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  2. Beautiful. agree with all the points 🙏

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  3. wah ji wah bhut khub sundar

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  4. Beautiful thoughts !!

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  5. किसी के दिल में क्या है, दूसरे को पता नहीं होता। प्रभु का यह विधान वाकई बहुत सही है। अन्यथा तो तूफान मच जाते।
    कविता लिखने वाले ने बिल्कुल सही लिखा जी।🙏🙏

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  6. No comments! To avoid any Fasaad!😀

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