आरज़ू मंज़िल की है तो रास्ता देखा न कर
हमसफ़र देखा न कर तू फ़ासला देखा न कर
देखना ख़ुद को ज़रुरी है संवरने के लिए
जो करे मग़रुर पर - वो आइना देखा ना कर
छोड़ जाते हैं सभी अपने भी आख़िर एक दिन
मा 'सिवा रब के तू कोई आसरा देखा ना कर
बख़्शा है गरचे ख़ुदा ने दिल तुझे फितरत-शनास
हर किसी में हुनर देखा कर, बुरा देखा ना कर
चाहता है गर न तेरी ख़ामियां देखे कोई
दूसरों की ख़ामियां भी बारहा देखा न कर
हर किसी की ज़िंदगी में होती हैं मजबूरियाँ
उनकी मजबूरी में अपना फ़ायदा देखा न कर
अजनबी बन के वो अब मिलता है गर तुमसे तो क्या
तू मगर 'राजन ' उसे ना -आशना देखा ना कर
" राजन सचदेव "
मा 'सिवा रब के = भगवान के सिवा, प्रभु के इलावा
फितरत-शनास = दूसरों को समझने का गुण ,
बारहा = बार बार , लगातार
ना -आशना - ग़ैर ,अनजान , अजनबी
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Itnay Betaab kyon hain - Why so much restlessness?
Itnay betaab - itnay beqaraar kyon hain Log z aroorat say zyaada hoshyaar kyon hain Moonh pay to sabhi dost hain lekin Peeth peechhay d...
-
मध्यकालीन युग के भारत के महान संत कवियों में से एक थे कवि रहीम सैन - जिनकी विचारधारा आज भी उतनी ही प्रभावशाली है जितनी उनके समय में थी। कव...
-
Kaise bataoon main tumhe Mere liye tum kaun ho Kaise bataoon main tumhe Tum dhadkanon ka geet ho Jeevan ka tum sangeet ho Tum zindagi...
-
वृक्ष कबहुँ न फल भखै, नदी न संचय नीर परमार्थ के कारने साधुन धरा शरीर ...
Amazingly beautiful 🌷
ReplyDeleteBAHUT BAHUT BAHUT HI SUNDER NZM .
ReplyDeleteGZB BA KMAL H MERE MALIK
Wah wah Subhaan allah
ReplyDeleteBahut khoob
Waah Jì Kya Baat Hai Jì ������
ReplyDeleteNicec mahatma ji nice
ReplyDeletedatar aap ji par kirpa karai
Beautiful Guidance. Keep blessing Ji. _/\_
ReplyDeleteWah! Kya baat hai
ReplyDeleteBahut khub
ReplyDeleteBeautifully written and explained!!����
ReplyDelete