Sunday, March 28, 2021

हिलोरें ले रहा हो मन तो समझ लेना कि होली है

करें जब पाँव खुद नर्तन, समझ लेना कि होली है  
हिलोरें ले रहा हो मन, समझ लेना कि होली है

किसी को याद करते ही अगर बजते सुनाई दें
कहीं घुँघरु कहीं कंगन, समझ लेना कि होली है

कभी खोलो अचानक आप अपने घर का दरवाजा
खड़े देहरी पे हों साजन, समझ लेना कि होली है

तरसती जिसके हों दीदार तक को आपकी आंखें
उसे छूने का आये क्षण, समझ लेना कि होली है

हमारी ज़िन्दगी यूँ तो है इक काँटों भरा जंगल
अगर लगने लगे मधुबन, समझ लेना कि होली है

बुलाये जब तुझे वो गीत गा कर ताल पर ढफ की
जिसे माना किये दुश्मन, समझ लेना कि होली है

अगर महसूस हो तुमको कभी जब सांस लो 'नीरज'
हवाओं में घुला चन्दन, समझ लेना कि होली है
                                    " महाकवि नीरज "

              होली की हार्दिक शुभकामनाएं

No comments:

Post a Comment

Hidden Balance of Invisible Life

After we withdraw money from our bank account, we are shown the remaining balance. When we use a credit card, we are informed of our availab...