Thursday, December 27, 2018

ये दबदबा - ये हक़ूमत .. Ye Dabdabaa - Ye Haqoomat

उधर वो हाथों में पत्थर बदलते रहते हैं 
इधर भी एहले जुनूं सर बदलते रहते हैं 
ये दबदबा, ये हक़ूमत, ये नशा-ए -दौलत 
किरायेदार हैं सब - घर बदलते रहते हैं 
                         " बेकल उत्साही " 

Udhar vo haathon me pathar badaltay rehtay hain

Idhar bhi ehlay-junu sar badaltay rehtay hain
Ye dabdabaa, ye haqoomat, ye nashaa-e-daulat
Kiraayedaar hain sab, ghar badaltay rehtay hain
                                 "Bekal Utsaahi" (1928 - 2016)

                          
Ehlay-Junu    --       Deevaanay, Passionate, Enthusiastic

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