Sunday, February 26, 2017

तब हम कहाँ थे ?

एक बार दो दोस्त घूमते हुए एक महल के पास पहुँच गए....

पहले दोस्त ने उस शानदार महल को देखकर कहा कि जब इनमें रहने वालों की किस्मत लिखी जा रही थी - तब हम कहाँ थे?

दूसरा दोस्त पहले वाले का हाथ पकड़ कर उसे हस्पताल ले गया 
और ICU में पड़े मरीज़ों की तरफ इशारा करते हुए पूछा :

जब इनकी किस्मत लिखी जा रही थी तब हम कहाँ थे??


3 comments:

Sarveshaam Mangalam Bhavatu - May Everyone be Prosperous

Sarveshaam Svastir Bhavatu Sarveshaam Shaantir Bhavatu Sarveshaam Poornam Bhavatu Sarveshaam Mangalam Bhavatu          (Brahadaranyak Upanis...