We either make ourselves happy or miserable.
The amount of work we put in is the same.
Monday, July 1, 2013
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एक आज़ाद पंछी
एक पिंजरे में कुछ पक्षी रहते थे। दिन-प्रति दिन, वे एक ही दिनचर्या का पालन करते थे। सूर्योदय के समय गीत और भोजन, दोपहर में चहचहाहटऔर भोजन, ...
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मध्यकालीन युग के भारत के महान संत कवियों में से एक थे कवि रहीम सैन - जिनकी विचारधारा आज भी उतनी ही प्रभावशाली है जितनी उनके समय में थी। कव...
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बाख़ुदा -अब तो मुझे कोई तमन्ना ही नहीं फिर ये क्या बात है कि दिल कहीं लगता ही नहीं सिर्फ चेहरे की उदासी से भर आए आँसू दिल का आलम तो अ...
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Kaise bataoon main tumhe Mere liye tum kaun ho Kaise bataoon main tumhe Tum dhadkanon ka geet ho Jeevan ka tum sangeet ho Tum zindagi...
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