बेशक लगा के देख लें भरपूर ज़ोर आप
हरगिज़ बना न पाएंगे कौव्वे को मोर आप
- सरवर 'नेपाली' -
‘सरवर नेपाली’ द्वारा लिखी यह पंक्तियाँ एक सरल, किन्तु अत्यंत गहरी सच्चाई को उजागर करती हैं:
चाहे कितना भी प्रयास कर लिया जाए, किसी वस्तु या व्यक्ति की मूल प्रकृति एवं स्वभाव को बदला नहीं जा सकता।
जैसे एक कौए को कभी मोर नहीं बनाया जा सकता - वैसे ही किसी क्रूर या बेईमान व्यक्ति को केवल भाषणों से या सिर्फ उसके बाहरी रंग रुप को बदल देने से ही एक दयालु सज्जन या महान नहीं बनाया जा सकता।
यह शेर इस बात की तरफ इशारा करता है कि हमें वास्तविकता को स्वीकार कर ही लेना चाहिए।
जो स्वभाव से ही अपरिवर्तनीय है उसे बदलने की कोशिश में अपनी ऊर्जा व्यर्थ नहीं करनी चाहिए।
उसकी बजाए, अपनी ऊर्जा को किसी अन्य सकारात्मक कार्य में खर्च करने का प्रयास चाहिए।
" राजन सचदेव "