Quite often, it is the burden of desires - more wants and cravings that exhausts us.
Having less desires and fewer cravings can keep us heartier, content, and more energetic.
Life becomes more meaningful - more peaceful.
ऐसा नहीं है कि इंसान ज़्यादा काम करने से ही थकता है
अक़्सर हसरतें और अधिक इच्छाओं का बोझ भी हमें थका देता है
इच्छाएं और ज़रुरतें कम हों तो मन संतुष्ट और प्रसन्न रहता है
जीवन आनंदमयी हो जाता है
इच्छाएं और ज़रुरतें कम हों तो मन संतुष्ट और प्रसन्न रहता है
जीवन आनंदमयी हो जाता है
True desires are more tiring than overwork
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