मगर कश्ती में तलातुम हो तो किनारा नहीं मिलता
तलातुम = तूफ़ान
शब्दार्थ :
यदि समुद्र में तूफान आ जाए तो संभावना है कि नाव बच सकती है।
लेकिन अगर नाव में ही तूफान आ जाए -
अगर नाव के अंदर बहुत हलचल और उथल पुथल होने लगे
तो उसका किनारे तक पहुंचना कठिन हो जाएगा ।
भावार्थ - व्याख्या :
ज्ञानी लोग यदि संसार में रहें तो इसमें कोई कठिनाई अथवा नुकसान नहीं है।
वे दुनिया की अशांति और उथल-पुथल से प्रभावित हुए बिना अपनी आध्यात्मिक यात्रा जारी रख सकते हैं
और अपनी मंजिल को प्राप्त कर सकते हैं।
लेकिन अगर संसार की दुविधाएं - दुनिया के उथल-पुथल ज्ञानी के मन में प्रवेश करते हैं और मन में बने रहते हैं,
तब मोक्ष के लक्ष्य को हासिल करना कठिन हो जाएगा ।
' राजन सचदेव '
Akhand Satya
ReplyDeleteHopefully, with the grace of the Almighty, we will sail through.
ReplyDeleteBeautiful sainto 🙏
ReplyDeleteExcellent quote of dariya and kashti.. very apt for the subject
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